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AARATI CHAUBISI BHAGVAN KI - चौबीसों की आरती

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        AARATI CHAUBISI BHAGVAN KI - चौबीसों की आरती                               ऋषभ अजित संभव अभिनंदन, सुमति पद्म सुपार्श्व की जय | महाराज की श्रीजिनराज की, दीनदयाल की आरती की जय || चंद्र पुष्प शीतल श्रेयांस, वासुपूज्य महाराज की जय | महाराज की श्री जिनराज की, दीनदयाल की आरती की जय || विमल अनंत धर्म जस उज्ज्वल, शांतिनाथ महाराज की जय | महाराज की श्री जिनराज की, दीनदयाल की आरती की जय || कुंथ अरह और मल्लि मुनिसुव्रत, नमिनाथ महाराज की जय | महाराज की श्री जिनराज की, दीनदयाल की आरती की जय || नेमिनाथ प्रभु पार्श्व जिनेश्वर, वर्द्धमान महाराज की जय | महाराज की श्री जिनराज की, दीनदयाल की आरती की जय || इन चौबीसों की आरती करके, आवागमन-निवार की जय | महाराज की श्री जिनराज की, दीनदयाल की आरती की जय ||

पद्मावती माता की आरती – Padmavati Mata Ki Aarti

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  पद्मावती माता की आरती – Padmavati Mata Ki Aarti पद्मावती माता, दर्शन की बलिहारियां।। टेक०।। पार्श्वनाथ महाराज विराजे मस्तक ऊपर थारे, माता मस्तक ऊपर थारे। इन्द्र, फणेन्द्र, नरेन्द्र सभी मिल, खड़े रहें नित द्वारे। हे पद्मावती माता, दर्शन की बलिहारियां।। दो बार।। जो जीव थारो शरणो लीनो, सब संकट हर लीनो, माता सब संकट हर लीनो। पुत्र, पौत्र, धन, धान्य, सम्पदा, मंगलमय कर दीनो। हे पद्मावती माता, दर्शन की बलिहारियां।। दो बार।। डाकिनि, शाकिनि, भूत, भवानी, नाम लेत भग जायें, माता नाम लेत भग जायें। वात, पित्त, कफ, कुष्ट मिटे अरू तन सुखमय हो जावे। हे पद्मावती माता, दर्शन की बलिहारियां।। दो बार।। दीप, धूप, अरु पुष्प आरती, ले आरति को आयो, माता ले दर्शन को आयो। दर्शन करके मात तिहारो, मनवांछित फल पायो। हे पद्मावती माता, दर्शन की बलिहारियां ।। दो बार।। जब भक्तों पर पीर पड़ी है रक्षा तुमने कीनी, माता रक्षा तुमने कीनी। वैरियों का अभिमान चूरकर इज्जत दूनी दीनी। हे पद्मावती माता, दर्शन की बलिहारियां।। हे पद्मावती माता, आरति की बलिहारियां।। Hope You Like "पद्मावती माता की आरती -  आरती  पद्मावती माता की